बिजली कंपनी ने दुर्गापूजा, दीपावली और छठ महापर्व में निर्बाध बिजली देने की तैयारी की है। पूजा के दौरान आमलोगों को बिजली को लेकर किसी तरह की परेशानी न हो, इसके लिए भरपूर बिजली खरीदने की योजना बनी है। लोगों को दी जाने वाली बिजली व्यवस्था में कोई खराबी होने पर उसे अविलंब दूर किया जा सके, इसके लिए प्रखंड से लेकर जिला मुख्यालय तक विशेष कंट्रोल रूम बनाया गया है।
अभी आम दिनों में हर रोज 6000-6200 मेगावाट बिजली आपूर्ति की जाती है। अधिक गर्मी हो तो 6400-6500 मेगावाट तक बिजली आपूर्ति की जाती है। लेकिन पूजा के दौरान कम से कम 500 मेगावाट बिजली की खपत और बढ़ने की उम्मीद है। कंपनी ने अभी अधिकतम 6727 मेगावाट बिजली की आपूर्ति की है। ऐसे में इससे भी अधिक बिजली आपूर्ति की योजना पर कंपनी ने काम किया है।
एनटीपीसी से मिलने वाली केंद्रीय सेक्टर की बिजली के अलावा कंपनी ने खुले बाजार से भी बिजली लेने की योजना बनाई है। आपात स्थिति में कंपनी 2000 मेगावाट से भी अधिक बिजली खरीदेगी लेकिन आपूर्ति में कोई परेशानी नहीं होने दी जाएगी। इसके लिए निजी कंपनियों से भी बातचीत की गई है ताकि जरूरत पड़ने पर खुले बाजार से भी बिजली ली जा सके।
बिजली आपूर्ति के अलावा सबसे अधिक समस्या आपूर्ति व्यवस्था में होने वाली खराबी को लेकर भी होती है। इसके लिए कंपनी ने मुख्यालय से लेकर जिला व प्रखंड मुख्यालय तक निगरानी की व्यवस्था सुनिश्चित की है। कार्यपालक अभियंताओं को इसका जिम्मा दिया गया है। जबकि सहायक व कनीय अभियंताओं को चौबीसो घंटे की ड्यूटी लगाई गई है। मानव बल को पर्याप्त उपकरणों के साथ लैस किया गया है। सभी जिला मुख्यालय में पर्याप्त संख्या में ट्रांसफॉर्मर व अन्य बिजली उपकरणों का भंडारण किया गया है ताकि अगर कहीं जलने या किसी उपकरण के खराब होने की जानकारी मिले तो उसे अविलंब बदला जा सके।
राज्य की दोनों वितरण कंपनियों के अलावा संचरण कंपनी ने भी बिजली आपूर्ति की निगरानी के लिए कंट्रोल रूम बनाया है। स्थानीय स्तर पर कंट्रोल रूम के नंबर को सार्वजनिक किया जा रहा है ताकि कोई भी नागरिक फोन कर बिजली आपूर्ति में हुई खराबी की सूचना अविलंब दे सकें। पूजा-पंडाल के आयोजकों से भी समन्वय बनाया जाएगा ताकि कभी भी बिजली आपूर्ति में गड़बड़ी हो तो उसे अविलंब दुरुस्त किया जा सके।