रायपुर I दो साल बाद कोराना और मास्क की आजादी के साथ 16 जून से जिले के शासकीय और प्राइवेट स्कूल अपने समय से खुल गए हैं। शासकीय स्कूलों में बच्चों का गणवेश, किताबें देकर और तिलक लगाकर स्वागत किया गया। अपने टीचर्स से पहली बार ऐसा सम्मान पाकर बच्चे भी काफी खुश दिए। निजी स्कूलों में भी स्कूल टाइमिंग के अनुसार क्लासेस चलीं। भिलाई में शासकीय प्राथमिक शाला सुपेला क्रमांक 1 में वहां के अध्यापकों ने सभी बच्चों का तिलक लगाकर स्वागत किया।
पूरे दो साल बाद दुर्ग जिले के 1737 स्कूल गुरुवार से गुलजार हुए। ज़िले भर के सरकारी और सीजी बोर्ड की प्राइवेट औऱ सीबीएसई स्कूलों में साढ़े तीन लाख से ज्यादा बच्चे आज स्कूल पहुचे। इस दौरान स्कूलों शाला प्रवेशोत्सव का आयोजन किया गया। ये सभी स्कूल कोविड की वजह से बंद थे। अब 16 जून की सुबह से दुर्ग जिले में सभी निजी और सरकारी स्कूल खुल चुके हैं। सीबीएसई स्कूलों की बात करें तो यहां सत्र अप्रैल महीने से ही शुरू हो चुके थे। कुछ दिन पढ़ाने के बाद राज्य सरकार के आदेश से इन्हें बंद कर दिया गया था। अब डेढ़ महीने बाद ये सभी स्कूल दोबारा खुल गए हैं। स्कूल जाने के लिए बच्चे भी काफी उत्साहित दिखे। इस दौरान स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूलों को बेहतर तरीके से सजाया गया था। वहां गुब्बारे लगाए गए थे।
दुर्ग कलेक्टर डॉ. एसएन भुरे ने शाला प्रवेश उत्सव के मद्देनजर विभाग के सभी अधिकारियों को अलग-अलग स्तर पर स्कूलों के निरीक्षण की जिम्मेदारी दी थी। सभी अधिकारी समय पर स्कूलों में पहुंचे और वहां तैयारियों का जायजा लिया। इन अधिकारियों ने इस दौरान स्कूलों की व्यवस्था, साफ सफाई और बच्चों की उपस्थिति का जायजा लिया।
अनिवार्य शिक्षा से जोड़ने की जा रही कोशिश
जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि शाला प्रवेशोत्सव को शिक्षा का स्तर,बच्चों के सीखने की क्षमता सहित अन्य कई बिंदुओं पर फोकस किया जाएगा। खासकर प्राइमरी और मिडिल स्कूलों के बच्चों को अनिवार्य शिक्षा से जोड़ने की कोशिश की जाएगी। उन्होंने बताया कि जिले में प्राइमरी स्कूों में 1 लाख 44 हजार 833, मिडिल स्कूल में 86 हजार 652 और हाईस्कूल व हायर सेकंडरी स्कूल में 1 लाख 1761 बच्चे इनरोल्ड हैं।