रीवा। चर्चित राजनिवास में महंत के द्वारा नाबालिग लड़की से रेप कांड के मुख्य अरोपित को संरक्षण देना अखिल ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय त्रिपाठी और उनके भांजा अंशुल मिश्रा को महंगा पड़ गया। महंत से पूछताछ एवं जांच के दौरान पुलिस को जानकारी मिली और उसके आधार पर आरोपित संजय त्रिपाठी एवं अशुल मिश्रा को रीवा पुलिस ने भोपाल में दबिश देकर गिरफ्तार कर लिया है।
पूछताछ के बाद न्यायालय में पेश पकड़े गए आरोपितों को पुलिस रीवा लेकर आई है। जहां दोनों से मामलों को लेकर पूछताछ की गई है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि पूरे मामले में जांच की जा रही है। जो भी तथ्य आएंगे, उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी। इतना ही नहीं रीवा पुलिस ने संजय त्रिपाठी के फार्चुनर वाहन को भी जब्त कर लिया और उसको अपने कब्जे में लेकर कार्रवाई की जा रही है। जिन्हें न्यायालय में पेश किया गया है जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया है। पुलिस कप्तान नवनीत भसीन ने बताया कि राजनिवास में नाबालिग लड़की से रेप के आरोपी महंत सीताराम को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ एवं जांच के दौरान यह सामने आया है।
दुष्कर्म का आरोपित बाबा सीताराम घटना के बाद राजनिवास से फरार होकर संजय त्रिपाठी के घर में जाकर छुपा हुआ था। इतना ही नहीं सीताराम को उसने अपने फार्चुनर वाहन में बैठाकर भगाने में मदद की थी। सरंक्षण देने एवं आरोपित महंत को भगवाने में मदद करने के आरोप में संजय त्रिपाठी एवं अशुल मिश्रा को गिरफ्तार किया गया है। बताते चलें कि जिस समय पुलिस मेडिकल कराने के लिए संजय त्रिपाठी और अंकुर मिश्रा को लेकर जा रही थी उसी समय मीडिया कर्मियों को देखकर अचानक संजय त्रिपाठी चीखते हुए कहा कि मुझे फंसाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मैं लगातार 8 वर्षों से धर्म के काम में लगा हुआ हूं और मुख्यमंत्री से मेरे 8 वर्ष पुराने संबंध हैं। मैं 8 वर्षों से मुख्यमंत्री के साथ ही हूं।
निर्माणाधीन भवन पहुंचा प्रशासन पुलिस
पकड़ में आए संजय त्रिपाठी के निर्माणाधीन काम्पलेक्स की जानकारी लेने के लिए शनिवार की दोपहर प्रशासन पहुंचा था। कलेक्टर मनोज पुष्प और एसपी नवनीत भसीन सहित अन्य अधिकारियों ने भवन को देखने के साथ जानकारी ली है। माना जा रहा है कि जिस तरह से जिले भर में हिस्ट्रीसीटर, पास्को एक्ट एवं अन्य धाराओं के तहत दर्ज अपराध के अपराधियों के अवैध निर्माण को गिराने की कार्रवाई प्रशासन कर रहा है, उसी के तहत रेलवे मोड़ के पास निर्माणधीन भवन पर प्रशासन का बुलडोजर चल सकता है।