रायपुर I रायपुर के मुख्यमंत्री निवास में गुरुवार को उस टीम का सम्मान किया गया जिसकी चर्चा पूरे देश में है। जांजगीर जिले के पिरहीद गांव में बोरवेल फंसे बच्चे राहुल को निकालने वाली टीम का मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सम्मान किया। राहुल के रेस्क्यू में 5 दिनों तक जुटी हर टीम के सदस्य की पीठ CM बघेल ने थपथपाई।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि इस पूरे रेस्क्यू ऑपरेशन पर एक फिल्म बनानी चाहिए। अब जल्द ही मिशन राहुल पर एक डॉक्यूमेंट्री बनाई जा सकती है। सम्मान समारोह के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा- आप सभी की सूझबूझ, मेहनत, लगन और हौसलों ने काम किया। सभी का लक्ष्य एक ही था और वह पूरा हुआ।
CM ने आगे कहा कि यह ऑपरेशन दुरूह था, संकट आए, संघर्ष आए, लेकिन हिम्मत बनी रही। इस पूरे घटनाक्रम की डॉक्यूमेंट्री बननी चाहिए ताकि लोग इसे देखें, समझें और भविष्य में इस तरह की घटना को टाला जा सके। आप सभी का सम्मान कर मन नहीं भरा है, आप लोगों को और सम्मानित करने का मन करता है।
मुख्यमंत्री ने एलान किया कि बच्चे राहुल और पूरी टीम को राज्योत्सव में आमंत्रित किया जाएगा और वहां पर आप सभी (रेस्क्यू दल में शामिल लोगों का) का सम्मान होगा। CM ने कहा विपरीत परिस्थितियों में भी आप सभी डटे रहे, कड़ी धूप में, खुले मैदान में लगातार संघर्ष करते रहे। ईश्वर ने राहुल में कुछ कमी (मूक, बधिक, मानसिक रूप से कमजोर) दी है, लेकिन दूसरी ओर कुछ खासियत भी दी है। राहुल की हिम्मत और संतोष ने बहुत बड़ा काम किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राहुल की पढ़ाई लिखाई और इलाज का पूरा खर्च राज्य सरकार वहन करेगी। स्पीच थेरेपी, श्रवण यंत्र लगवाने की जरूरत होगी तो उसका खर्चा भी राज्य सरकार उठायेगी। मैं रेस्क्यू ऑपरेशन की पूरी टीम को बधाई देता हूँ। संकट कभी बता कर नहीं आता, और भी रेस्क्यू हुए हैं परंतु यह 104 घण्टे का सबसे लंबा ऑपरेशन हुआ
जांजगीर-चाम्पा जिले के पिहरीद में बोरेवेल के लिए किए गए गड्ढे में गिरे 11 वर्षीय राहुल साहू का रेस्क्यू ऑपरेशन बेहद मुश्किल रहा। 24 घंटे 5 दिनों से भी अधिक समय तक घटनास्थल पर जिला कलेक्टर जितेन्द्र शुक्ला पुलिस अधीक्षक विजय अग्रवाल समेत विभिन्न विभागों के 500 से अधिक अधिकारियों की टीम मौजूद रही।
राहुल साहू के रेस्क्यू के लिए 4 आईएएस, 2 आईपीएस, 5 अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, 4 एसडीओपी, 5 तहसीलदार, 8 टीआई व 120 पुलिसकर्मियों के साथ ईई (पीडब्ल्यूडी), ईई (पीएचई), सीएमएचओ, 1 सहायक खनिज अधिकारी, एनडीआरएफ के 32 अधिकारी-कर्मचारी, एसडीआरएफ से 15 अधिकारी-कर्मचारी, होमगार्ड्स मौके पर मौजूद रहे। वहीं भारतीय सेना से मेजर गौतम सूरी के साथ 4 सदस्यीय टीम भी घटनास्थल पर मदद कर रही थी।
दरअसल बीते 10 जून को खेलते वक्त 11 वर्षीय राहुल घर के पास ही खुदे बोरवेल के गड्ढे में जा गिरा। इसकी जानकारी परिजनों को लगभग तीन घंटे बाद मिली, फिर प्रशासन को इसकी सूचना दी गई। मासूम राहुल के रेस्क्यू के लिए एसडीआरएफ, एनडीआरएफ के साथ अब सेना की भी मदद ली गई।
अब कैसा है राहुल
जांजगीर से राहुल को अपोलो अस्पताल बिलासपुर लाया गया है। डॉक्टर ही राहुल का हेल्थ बुलेटिन जारी कर रहे हैं। बुधवार को उसका सीटी स्कैन हुआ। इस समय मां और बुआ साथ थीं। इलाज में लगे सीनियर कंसल्टेंट डॉ. सुशील कुमार एवं डॉ. इंदिरा मिश्रा ने बताया कि राहुल को सीवियर स्किन इंफेक्शन है।
यह दोनों पैरों में नजर आ रहा है। लगातार पानी में रहने से संभवत: यह हुआ है और ब्लड में भी इंफेक्शन दिख रहा है। इसके लिए बाहर के विशेषज्ञों से भी सलाह लेकर इलाज कर रहे हैं। आने वाले सात दिन तक उसकी गहन निगरानी की जरूरत है।