गाजियाबाद: घंटाघर नई बस्ती मोहल्ले में कारोबारी परिवार के सात लोगों की हत्या के मामले में अदालत ने दोषी ड्राइवर राहुल वर्मा को फांसी की सजा सुनाई है। कोर्ट ने एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है। कोर्ट ने शनिवार को राहुल को दोषी करार दिया था और सजा पर बहस के लिए 1 अगस्त की तारीख तय की थी। 21 मई 2013 को इस सनसनीखेज वारदात में हत्यारा राहुल वर्मा कारोबारी के घर नरसंहार को अंजाम देने के बाद लाखों रुपए के गहने और जेवरात लेकर भागा था। वह करीब 9 साल से डासना जेल में बंद है।

घंटाघर कोतवाली क्षेत्र में 21 मई 2013 की रात सनसनीखेज घटना हुई थी। घंटाघर नई बस्ती मोहल्ले में रहने वाले बुजुर्ग कारोबारी सतीश गोयल और उनके पूरे परिवार की चाकू से गोद कर हत्या कर दी गई थी। मृतक कारोबारी के दामाद सचिन मित्तल ने कोतवाली थाने में अज्ञात बदमाशों के खिलाफ हत्याकांड का मुकदमा दर्ज कराया था। मृतकों में कारोबारी सतीश गोयल,उनकी पत्नी मंजू गोयल, पुत्र सचिन गोयल, पुत्र वधू रेखा गोयल और तीन पौत्र पौत्री शामिल थे। वारदात के बाद पुलिस ने विवेचना शुरू की और घटना के 10 दिन बाद सनसनीखेज हत्या के आरोप में राहुल वर्मा को घटना के अगले दिन ही 22 मई को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।

पुलिस ने राहुल के पास से छह हजार रुपए नगद और सोने चांदी के लाखों के जेवरात बरामद किए थे। कोतवाली पुलिस ने दो दिन बाद 24 मई को हत्यारे राहुल वर्मा को पुलिस रिमांड पर लेकर हत्या में प्रयुक्त चाकू और खून से सने कपड़े भी बरामद किए। राहुल वर्मा कारोबारी का कार चालक था। राहुल घटना से करीब 15 दिन पहले कारोबारी सतीश गोयल के घर से साढ़े चार लाख रुपए चोरी कर फरार हो गया था। तब से नौकरी पर नहीं आ रहा था। पीड़ित पक्ष के अधिवक्ता देवराज सिंह ने बताया कि 22 मई 2013 को सतीश चंद्र गोयल की किडनी ट्रांसप्लांट होनी थी। राहुल को इसके बारे में जानकारी थी। उसे अनुमान था कि किडनी ट्रांसप्लांट के लिए घर में रखे 25 से 30 लाख रुपए मिल सकते हैं। इसी इरादे से राहुल ने 21 मई की रात वारदात को अंजाम दिया था।