कोरोना की तीसरी लहर स्वास्थ्य विभाग (health Department) पर भारी पड़ रही है। ग्वालियर-चंबल बेल्ट के सबसे बड़े अस्पताल जयारोग्य चिकित्सालय (JAH) में आधे से ज्यादा जूनियर डॉक्टर कोरोना की चपेट में आ चुके हैं। 220 में से 112 जूनियर डॉक्टर अभी तक कोरोना पॉजिटिव हो चुके हैं। JAH की HOD यशोधरा गौर भी कोरोना संक्रमित हो गई है। रविवार को आई रिपोर्ट में JAH की HOD यशोधरा गौर कोरोना पॉजिटिव निकली।
ग्वालियर। कोरोना की तीसरी लहर में डॉक्टर बड़ी संख्या में संक्रमित हो रहे है। अंचल के सबसे बड़े शासकीय अस्पताल में जूनियर डॉक्टर्स पर कोरोना का संकट स्वास्थ्य व्यवस्था पर भी प्रभाव डाल रहा है।
जूनियर डॉक्टर का नया बैच ना आने से पहले से ही काम का बोझ झेल रहे जूनियर डॉक्टरों पर अपने आधे से अधिक साथियों के संक्रमित हो जाने से वर्क लोड काफी बढ़ गया है। जुडा ने इन हालात को देखते हुए मेडिकल कॉलेज प्रबंधन को ज्ञापन सौंपा गया है और मांग की गई है कि अस्पताल में मरीजों को भर्ती करने से पहले रैपिड एंटीजन टेस्ट (rapid antigen test) कराया जाए। ताकि संक्रमण की चैन को समय से पहले रोका जा सके। आइए आपको समझाते हैं कि किस विभाग में कितने जूनियर डॉक्टर संक्रमित पाए गए हैं।
ग्वालियर में हर दिन 500 से अधिक कोरोना संक्रमित मिल (Every day more than 500 corona infected are being found in Gwalior.) रहे हैं। पहले मरीजों के इलाज और आकस्मिक सर्जरी से पहले रैपिड एंटीजन टेस्ट होता था, जिससे यह पता चल जाता था कि मरीज कोरोना संक्रमित है या नहीं। इसके बाद डॉक्टर अपनी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मरीज का इलाज करते थे। पिछले 1 सप्ताह से रैपिड एंटीजन टेस्ट नहीं हो रहे हैं। यही वजह है कि जूडा ने अस्पताल प्रबंधन से मांग की गई है कि रैपिड एंटीजन टेस्ट तुरंत शुरू कराए जाएं अन्यथा जूनियर डॉक्टर काम करने में असमर्थ रहेंगे। उजब डॉक्टर ही सुरक्षित नही रहेंगे तो वह इलाज कैसे करेंगे।