केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसान संगठन 26 मार्च को भारत बंद करेंगे. इस दौरान दुकानों, बाजारों और सभी व्यापारिक प्रतिष्ठानों को बंद रखा जाएगा. संयुक्‍त किसान मोर्चा के मुताबिक, किसान आंदोलन के 120 दिन पूरे होने पर भारत बंद किया जा रहा है. किसान संगठनों का भारत बंद 26 मार्च 2021 की सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक रहेगा. कांग्रेस, लेफ्ट, समेत कई विपक्षी दलों ने बंद का समर्थन किया है. वहीं, किसान संगठनों ने एलान किया है कि 28 मार्च को वे होलिका दहन पर नए कानूनों की प्रतियां जलाएंगे.

गौर हो कि दिल्‍ली की सीमाओं पर नए कृषि कानूनों के खिलाफ हजारों की संख्‍या में किसान प्रदर्शन कर रहे हैं. संयुक्त किसान मोर्चा के अनुसार, 26 मार्च को संपूर्ण रूप से भारत बंद रहेगा. संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि जिन राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में चुनाव होने हैं, उन्हें 26 मार्च को भारत बंद से अलग रखा जाएगा. पिछली बार यूपी और उत्‍तराखंड को छूट दी गई थी. वहीं, इस बार किसान नेता दावा कर रहे हैं कि 26 मार्च को दिल्ली के अंदर भी भारत बंद का प्रभाव देखा जाएगा.

सभी तरह की दुकानें और व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहेंगे

भारत बंद के दौरान किसान संगठनों ने सभी तरह की दुकानें बाजार और व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रखने की अपील की है. हालांकि, इसमें व्यापारी संगठन पूर्ण भागीदारी देंगे या नहीं इसको लेकर संशय बना हुआ है. व्यापारी इस भारत बंद में शामिल होंगे या नहीं, यह उन पर निर्भर है. जानकारी के मुताबिक, भारत बंद के दौरान सभी तरह की दुकानें और व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहेंगे. इस दौरान दूध और डेयरी के उत्पादों की डिलीवरी को लेकर समस्या आ सकती है. किसान संगठनों ने कहा है कि लोगों से स्वेच्छा से दुकानें बंद रखने को कहा गया है.

बंद के दौरान सड़कों को नहीं किया जाएगा जाम

भारत बंद के दौरान सड़कों को जाम नहीं किया जाएगा और इस वजह से यातायात पूरी तरह से सामान्य रहेगा. साथ ही भारत बंद के दौरान किसान रेल मार्ग को भी बाधित नहीं करेंगे. फैक्ट्रियों-कंपनियों को नहीं बंद करवाने का फैसला लिया गया है. पेट्रोल पंप, परचून की दुकानें, मेडिकल स्टोर, जनरल स्टोर और किताब की दुकानें भी इस दौरान खुली रहेंगी.

जगह-जगह किसान संगठन करेंगे प्रदर्शन

बंद के दौरान किसान संगठन देश में जगह-जगह प्रदर्शन करेंगे. इसके साथ की नए कृषि कानून और सरकार के पुतले भी जलाए जाएंगे. गौरतलब है कि पिछली बार भारत बंद तीन घंटे का था, जिस वजह से आम जनजीवन पर ज्यादा फर्क नहीं पड़ा. ऐसे में देखना होगा कि इस बार किसान क्या करते हैं. बताया जा रहा है कि किसान इस भारत बंद के जरिए ज्यादा से ज्यादा लोगों का साथ चाहते हैं. किसान नेताओं ने अपने-अपने संगठनों से कहा है कि वो सड़कों पर जाम ना करें. इसके अलावा भारत बंद को दिल्ली के अलावा हर राज्य, हर जिले, तहसील और ग्राम स्तर तक ले जाने की बात कही गई है.