जशपुर I छत्तीसगढ़ के बिलासपुर के बाद अब जशपुर में 11 आदिवासी बच्चे फूड प्वाइजनिंग का शिकार हो गए हैं। देर रात उल्टी-दस्त के चलते कई बच्चे बेहोश हो गए। इसके बाद सभी बच्चों को बगीचा अस्पताल में भर्ती कराया गया है। फिलहाल सभी की हालत खतरे से बाहर है। परिजनों का आरोप है कि आंगनबाड़ी केंद्र से मिले मिड-डे मील का खाना खाने से बीमार हुए हैं। वहीं अफसर सामाजिक समारोह में दूषित मिठाई खाने की बात कह रहे हैं।

दरअसल, बगीचा विकासखण्ड के ग्राम पंचायत ढोढ़रअंबा के आश्रित ग्राम नवापारा में मंगलवार दोपहर से ही 11 पहाड़ी कोरवा बच्चों की तबीयत बिगड़ने लगी। सभी बच्चे उलटी-दस्त करने लगे और बेहोशी की हालत में आ गए। इस पर स्थानीय जन प्रतिनिधियों ने मामले की जानकारी कलेक्टर रितेश अग्रवाल को दी। इसके बाद कलेक्टर के निर्देश पर रात में ही SDM, तहसीलदार CEO और BMO के साथ मेडिकल टीम पहुंच गई।

बच्चों की हालत खतरे से बाहर

गांव में बच्चों की स्थिति को देखते हुए उसी समय एंबुलेंस से सभी को बगीचा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया। यहां बच्चों का इलाज जारी है। सुबह तक सभी बच्चों को खतरे से बाहर बताया गया है। वहीं स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव में डेरा डाले हुए है। बाकी बच्चों की भी जांच की जा रही है। एक साथ इतने सारे आदिवासी बच्चों की तबीयत खराब होने के चलते प्रशासन भी हैरान है। मामले की जांच के निर्देश दे दिए गए हैं।

आंगनबाड़ी केंद्र से मिला था रेडी-टू ईट

परिजनों का आरोप है कि सभी बच्चों ने दिन में आंगनबाड़ी केंद्र से मिलने वाला रेडी-टू ईट भोजन खाया था। इसके बाद से ही उनकी तबीयत बिगड़ी है। वहीं दूसरी ओर जनपद पंचायत CEO विनोद सिंह का कहना है की गांव में सामाजिक समारोह चल रहा था। उसी समारोह में दी गई दूषित मिठाई से बच्चों की तबीयत बिगड़ी है। फिलहाल मामले की जांच कर रहे हैं। मिठाई कहां से आई थी, इसका भी पता लगा रहे हैं। दुकान से सैंपल लेकर की जांच के लिए भेजेंगे।