रायपुर I कोरोना महामारी के दौर में दो साल तक बाबा अमरनाथ यात्रा पर रोक लगी हुई थी। इस साल छत्तीसगढ़ से 700 से ज्यादा यात्री अमरनाथ यात्रा पर जाने की तैयारी कर रहे हैं। पहला जत्था 28 जून को रवाना होगा। जो लोग पहले यात्रा पर जा चुके हैं, वे इस साल जाने वाले यात्रियों को यात्रा के दौरान किस तरह की सावधानी रखनी चाहिए, इसकी जानकारी देकर जागरूक कर रहे हैं, ताकि परेशानी न उठानी पड़े। एक श्रद्धालु ऐसा भी है, जो पिछले 25 सालों में 20 से अधिक बार यात्रा कर चुका है। कई श्रद्धालु फोन करके उनसे जानकारी ले रहे हैं।
30 जून से 11 अगस्त तक चलेगी यात्रा
20 बार से अधिक यात्रा कर चुके श्री अमरनाथ यात्रा सेवा समिति के गंगाप्रसाद यादव बताते हैं कि इस साल बाबा अमरनाथ की यात्रा 30 जून से शुरू होकर 11 अगस्त तक चलेगी। यात्रा पर जाने वालों ने तैयारी शुरू कर दी है। राजधानी से 80 से अधिक यात्री 28 जून को जम्मूतवी एक्सप्रेस से रवाना होंगे। जम्मू 29 जून की रात को पहुंचेंगे। जम्मू से 30 जून को सुबह वाहन से पहलगाम पहुंचकर विश्राम करेंगे। एक जुलाई को पहलगाम से चंदनबाड़ी होते हुए शेषनाग कैंप पहुंचेंगे। दो जुलाई को सुबह शेषनाग कैंप से पंचतरणी कैंप पहुंचकर विश्राम करेंगे। तीन जुलाई को पंचतरणी से श्रीअमरनाथ गुफा पहुंचकर बाबा अमरनाथ के दर्शन करके विश्राम करेंगे। चार जुलाई को बाबा अमरनाथ गुफा से बालटाल पहुंचेंगे। पांच जुलाई को बालटाल से कटरा पहुंचकर माता वैष्णोदेवी के दर्शन करके विश्राम करेंगे। छह जुलाई को कटरा से निकलकर वापसी में स्वर्ण मंदिर, बाघा बार्डर, दिल्ली होते हुए श्रद्धालु सात जुलाई को वापस राजधानी पहुचेंगे।
दो मार्गो से होती है यात्रा
श्री अमरनाथ सेवा समिति के सदस्य प्रणय तिवारी बताते हैं कि वे अब तक 10 से अधिक बार यात्रा पर जा चुके हैं। यात्रा पर जाने के लिए चंदनबाड़ी और बालटाल दो मार्ग हैं। चंदनबाड़ी मार्ग से गुफा की दूरी 32 किलोमीटर और बालटाल से 14 किलोमीटर है। दिल्ली, पंजाब के अनेक सेवादार पूरे मार्ग में निश्शुल्क भोजन, दवाई, पैर सेंकने के लिए गरम पानी की व्यवस्था करते हैं। सुरक्षा बल के जवान भी इमरजेंसी में सहायता करने के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं।
ये चीजें रखें साथ
जो लोग पहली बार यात्रा पर जा रहे हैं, उनको वाट्सएप और मोबाइल के माध्यम से बताया जा रहा है कि कुछ जरूरी चीजें साथ में रखें। ठंड पड़ती है और बारिश भी होती है इसलिए गरम कपड़े, रेनकोट, ऐसा जूता पहनें ताकि पत्थरों पर चढ़ाई की जा सके। साथ ही बैग में सरसों तेल, उल्टी, बुखार, दर्द की दवाइयां, चश्मा, टार्च, पानी बोतल, डायरी, पेन, कैमरा और हो सके तो काजू, किशमिश, बादाम रखें।