आपूर्ति के दौरान बिजली की बार-बार होती रही ट्रिपिंग
बिहार|
आंधी के साथ हुई बारिश से पूरे बिहार में बिजली आपूर्ति बाधित हुई। राज्यभर में बिजली की आंख मिचौनी जारी रही। ग्रामीण इलाके में दूसरे दिन भी आपूर्ति चरमराई रही। वहीं उत्तर बिहार के दर्जनभर से अधिक शहरी इलाकों में भी बिजली आपूर्ति नहीं हो सकी। आपूर्ति बाधित होने का मूल कारण राज्य भर में 500 से अधिक बिजली के पोलों का क्षतिग्रस्त होना भी रहा। वहीं आपूर्ति के दौरान बिजली की बार-बार ट्रिपिंग होती रही।
कंपनी अधिकारियों के अनुसार उत्तर बिहार में बिजली के तार पर बड़ी संख्या में पेड़ गिरने से बिजली बहाल करने में कंपनी के कर्मियों को काफी मशक्कत करनी पड़ी। इलाके का हाल जाने के बाद पेड़ों को हटाया गया तभी बिजली बहाल करने का सिलसिला शुरू हुआ। वहीं 500 से अधिक खम्भों के गिरने व टूटने के कारण उसे ठीक करने के बाद ही बिजली बहाल हो सकी। कंपनी ने प्राथमिकता के तौर पर सबसे पहले शहरी इलाकों में बिजली आपूर्ति बहाल की। विशेषकर कोविड के लिए बने अस्पतालों में अभिलंब बिजली आपूर्ति कैसे बहाल हो, कंपनी ने इसकी कोशिश की।
रामीण इलाकों में शुक्रवार शाम तक गुल थी बिजली
हालांकि ग्रामीण इलाके में बिजली आपूर्ति शुक्रवार की शाम तक भी बहाल नहीं हो सकी। इस कारण अधिकतर ग्रामीण इलाके अंधेरे में डूबे रहे। सीमांचल के कई इलाकों में भी बिजली आपूर्ति देर तक सुचारू नहीं हो सकी। दूरदराज इलाकों की कौन कहे पटना के ग्रामीण इलाके बिहटा, फतुहा, मोकामा ही 40 घंटे तक अंधेरे में डूबे रहे। शहरों में भी कई मोहल्ले घंटो तक अंधेरे में डूबे रहे।
2300 मेगावाट तक बिजली आपूर्ति
कम आपूर्ति के कारण राज्य की बिजली खपत भी काफी कम हुई। शुक्रवार की सुबह पूरे बिहार में 1100 मेगावाट ही बिजली खपत हुई। दोपहर तक 1400 तो शाम में 2000 मेगावाट के पार पहुंची। देर रात तक कंपनी के अथक प्रयास से 2300 मेगावाट से अधिक बिजली आपूर्ति की गई। बिजली आपूर्ति के दौरान बिजली की आवाजाही बार-बार होने से लोग परेशान रहे। बिजली की आंख मिचौनी के बीच वोल्टेज की समस्या कायम रही। कई बार कम तो कई बार अधिक वोल्टेज आने से कई घरों के बिजली उपकरण भी खराब हुए।