रायपुर। भूपेश बघेल सोमवार उत्तराखंड के राजनीतिक प्रवास पर हैं। उत्तराखंड प्रवास पर जाने से पूर्व सीएम बघेल ने पत्रकारों से चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज एक बार फिर भाजपा पर जमकर प्रहार किया है। इस दौरान उन्होंने कहा कि बात केंद्र की भाजपा सरकार की हो या फिर यूपी में भाजपा शासित योगी आदित्यनाथ की सरकार हो। भाजपा केवल भय दिखाकर सत्ता हासिल करना चाहती है, तो देश में सांप्रदायिकता का जहर बोकर अपना स्वार्थ साधना जानती है।
इसके साथ ही सीएम बघेल ने पांच राज्यों के चुनाव के सवाल पर कहा कि सभी जगहों पर कांग्रेस पूरी ताकत झोंक रही है और देश में कांग्रेस के पक्ष में माहौल बन चुका है, जिससे भाजपा को डर सताने लगा है। सीएम बघेल ने कहा कि उत्तरप्रदेश में जनता बदलाव की मानसिकता में आ चुकी है और प्रियंका वाड्रा को जोरदार समर्थन मिल रहा है, जिससे भाजपा बौखला गई है।
धर्म के आधार पर बांटती है भाजपा- मुख्यमंत्री
उत्तराखंड में कांग्रेस की स्थिति अच्छी है…भाजपा लोगों को धर्म के आधार पर बांटती है। उन्होंने इसे उत्तर प्रदेश में किया है और अब भी कर रहे हैं। धर्म का इस्तेमाल करके बीजेपी को सत्ता मिली लेकिन वोट देकर लोगों को क्या मिला?
इससे राज्य को है होता नुकसान- CM बघेल
Congress's position in Uttarakhand is good…BJP divides people on the basis of religion. They have done it in Uttar Pradesh and are still doing it. BJP got power by using religion but what did people get by voting for them?: Chhattisgarh CM and Congress leader Bhupesh Baghel pic.twitter.com/y4Wq7GydNM
— ANI (@ANI) January 24, 2022
इससे पहले हुई चर्चा में बघेल ने अखिल भारतीय सेवाओं के अधिकारियों के प्रतिनियुक्ति को लेकर कहा कि केंद्र और राज्य में परस्पर समन्वयता के साथ अफसरों को नियुक्त किया जाता है। लेकिन जो अफसर राज्य में बेहतर कार्य संपादित कर रहा है, उसे प्रतिनियुक्ति पर ले जाया जाना कहीं से उचित नहीं है, इससे राज्य को नुकसान होता है।
भाजपा के पास केवल एक फॉर्मूला
सीएम बघेल ने कहा कि देश में भाजपा के पास केवल एक फॉर्मूला है, जिससे वह केवल सत्ता की सीढ़ी पर चढ़ना जानती है। लेकिन जिन लोगों को आधार बनाकर, जिन्हें खौफजदा कर भाजपा ऐसा करती है, सोचने का विषय है कि वास्तव में उन्हें क्या लाभ हुआ है। जबकि भाजपा को ऐसा करने से सत्ता हासिल हो जाती है।
प्रदेश में भाजपा को प्रदेश की जनता ने नकार दिया है, इसके एक नहीं बल्कि कई उदाहरण सामने आ चुके हैं। सबसे पहले विधानसभा चुनाव, फिर नगरीय निकाय चुनाव और अब शेष बचे नगरीय निकायों के चुनाव परिणाम से स्पष्ट हो चुका है कि प्रदेश में भाजपा भरोसे की राजनीतिक पार्टी नहीं रही।