ताइपे। अमेरिकी संसद के निचले प्रतिनिधि सभा की स्पीकर नैंसी पेलोसी मंगलवार की रात ताइवान पहुंचीं। उनकी यात्रा से चीन और अमेरिका के बीच तनाव काफी बढ़ गया है। चीन की सेना ताइवान स्ट्रेट की ओर बढ़ गई है। यह स्ट्रेट ताइवान को चीन की मुख्य भूमि से अलग करता है। उधर, चीन के 20 लड़ाकू विमान ताइवान में घुस गए। अमेरिका ने भी पेलोसी की सुरक्षा को देखते हुए हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अपने युद्धपोत यूएसएस रोनाल्ड रीगन और फिलीपींस सागर में अन्य युद्धपोत को तैनात कर दिया है। पेलोसी पिछले 25 साल में स्वशासित द्वीप का दौरा करने वाली अमेरिका की सर्वोच्च अधिकारी बन गई हैं। चीन दावा करता रहा है कि ताइवान उसका हिस्सा है। वह विदेशी अधिकारियों के ताइवान दौरे का विरोध करता है क्योंकि उसे लगता है कि यह द्वीपीय क्षेत्र को संप्रभु के रूप में मान्यता देने के समान है।

चीन ने पेलोसी की ताइवान यात्रा पर अमेरिका को गंभीर परिणाम की धमकी दी थी। इसके बावजूद पेलोसी के ताइवान पहुंचीं हैं। ताइवान की मीडिया ने पेलोसी के द्वीप पहुंचने जानकारी दी। उसके तुरंत बाद चीन की आधिकारिक इंटरनेट मीडिया ने बड़े पैमाने पर सेना के ताइवान स्ट्रेट की ओर बढ़ने की जानकारी दी। इसी तरह भारत में चीनी दूतावास के प्रवक्ता वांग जियोजियान ने भी चेतावनी दी कि यह चीन के आंतरिक मामले में अमेरिका का दखल होगा। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी स्पीकर नैंसी के ताइवान जाने और राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन से मुलाकात की संभावना है। इंटरनेट मीडिया के हवाले से सरकारी ‘चाइना डेली’ ने खबर दी कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की वायुसेना के सुखोई-35 लड़ाकू विमान ताइवान स्ट्रेट को पार कर रहे हैं। एक अन्य ट्वीट में ‘चाइना डेली’ ने बताया कि पीएलए के पूर्वी थिएटर कमान ने कहा है कि वह उच्च सतर्क अवस्था में है और ‘आदेश मिलते ही दुश्मन का मुकाबला करने को तैयार हैं।’

अमेरिका ने भेजे युद्धपोत, तो चीन के लड़ाकू विमान भी तैयार

चीन की धमकी को देखते हुए अमेरिका नौसेना ने चार युद्धपोत व विमानवाहक पोत ताइवान जलडमरूमध्य के पूर्व में उतार दिए हैं। हालांकि अमेरिका ने इसे रूटीन बताया है। इसके साथ ही अमेरिका ने जेट विमान भी भेज दिए हैं। वहीं, चीन ने अमेरिका को परिणाम भुगतने की चेतावनी देते हुए ताइवान जलडमरूमध्य के पास लड़ाकू विमान तैनात कर रखे हैं।

समाचार एजेंसी एएनआइ के अनुसार, पेलोसी की यात्रा के बीच आसियान के लिए चीनी राजदूत डेंग जियांग ने कहा है कि चीन दो अगस्त से छह अगस्त तक दक्षिण चीन सागर में सैन्य अभ्यास करेगा।

रूस ने कहा, क्षेत्र में बढ़ेगा तनाव

उधर, रूस ने मंगलवार को संयुक्त राज्य अमेरिका को चेतावनी दी कि अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा इसे चीन के साथ टकराव के रास्ते पर ले जाएगी और इस क्षेत्र में तनाव को भड़काएगी।