रायपुर I छत्तीसगढ़ में सक्रिय मानसून की वजह से अधिकांश जिलों में कम-अधिक बरसात हुई है। इस सीजन में पहली बार बस्तर संभाग के सभी जिलों में जोरदार बारिश हुई। इसकी वजह से वन और पहाड़ी क्षेत्रों के नदी-नालों में जान आ गई है। मैदानों की तरफ खाली खेत पानी से भर गए हैं। मौसम विभाग ने बुधवार को भी एक-दो स्थानों पर भारी बरसात की संभावना जताई है।

मौसम विभाग के मुताबिक मंगलवार को उसूर में 11 सेंटीमीटर पानी बरसा है। बस्तानार, कटेकल्याण, कुआकोण्डा, गीदम, भानुप्रतापपुर, ओरछा, भोपालपट्‌टनम, बस्तर, भैरमगढ़, दंतेवाड़ा, चारामा, फरसगांव, बड़े राजपुर, लोहंडीगुड़ा, केशकाल, कांकेर, अंतागढ़, सुकमा और दरभा में भी तीन से आठ सेंटीमीटर के बीच बरसात रिकॉर्ड की गई है। जगदलपुर में सुबह 8.30 बजे तक 8.2 मिलीमीटर बरसात हुई थी। वहां शाम को भी पानी बरसा है। मानसून के इस सीजन में ऐसा पहली बार हुआ है कि बस्तर संभाग के हर जिला बरसात से भीगा हो।पेण्ड्रा रोड और राजनांदगांव जिले में भी खूब बारिश हुई है। पेण्ड्रा रोड में सुबह 8.30 बजे तक 32.4 मिलीमीटर पानी गिर चुका था। दिन में वहां 5.6 मिमी पानी और बरसा। मरवाही और पेण्ड्रा में भी अच्छी बरसात हुई है। वहीं राजनांदगांव में सुबह तक 20.8 मिमी बरसात रिकॉर्ड हो चुकी थी। मोहला, मानपुर, अंबागढ़ चौकी और डोंगरगढ़ में भी अच्छी बारिश दर्ज हुई है। दुर्ग के पाटन, बालोद के बालोद, डौंडी लोहारा, गुंडरदेही, डौंडी और धमतरी के कुरूद और नगरी में भी खूब पानी बरसा है। गरियाबंद के देवभोग, मैनपुर, महासमुंद, जांजगीर-चांपा के शिवरी नारायण, पामगढ़, मनेंद्रगढ़, रामानुजनगर, जशपुर नगर आदि भी पानी से सराबोर हुए हैं।

बुधवार को ऐसे मौसम की संभावना

मौसम विभाग के मुताबिक एक ऊपरी हवा का चक्रीय चक्रवाती घेरा पूर्वी उत्तर प्रदेश के ऊपर 0.9 किलोमीटर तक विस्तारित है। एक पूर्व-पश्चिम द्रोणिका, हरियाणा से उत्तर-पूर्व बंगाल की खाड़ी तक स्थित है। इसके प्रभाव से 22 जून को प्रदेश में अनेक स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने अथवा गरज-चमक के साथ छींटे पड़ने की संभावना है। प्रदेश में एक-दो स्थानों पर गरज-चमक के साथ आकाशीय बिजली गिरने तथा भारी वर्षा होने की संभावना भी बनी हुई है।

अभी डटे रहेंगे मानसूनी बादल

छत्तीसगढ़ में दक्षिण-पश्चिम मानसून का आधिकारिक आगमन 16 जून को हुआ। इससे पहले 15 जून की रात में ही यह बस्तर से प्रदेश में प्रवेश कर चुका था। 16 जून की दोपहर बाद मौसम विभाग ने आधिकारिक तौर पर बताया कि मानसून दुर्ग तक पहुंच गया है। 19 जून की सुबह 8बजे तक वह दुर्ग में ही अटका रहा था। दोपहर बाद उसकी रेंज पेण्ड्रा रोड तक पहुंच गई थी। 20 जून को दोपहर बाद तक मानसून प्रदेश के प्रत्येक जिले के ऊपर सक्रिय हो चुका था। मौसम विज्ञानियों का अनुमान है कि प्रदेश के आसमान पर छाए बादल अभी डटे रहेंगे। परिस्थितियां अच्छी बरसात के अनुकूल बनी हुई हैं।