रायपुर: प्रदेश के नगरीय निकायों में 45 हजार से ज्यादा नक्शे पेंडिंग हैं। लोगों को मकान बनाने में हो रही परेशानी को देखते हुए अब इस सिस्टम को पूरी तरह ऑनलाइन किया जा रहा है। सीएम भूपेश बघेल ने मुख्य सचिव को 15 दिन के भीतर संबंधित विभागों के साथ बातचीत कर इस व्यवस्था को लागू करने के लिए कहा है।
विभागीय अफसरों के मुताबिक 15 साल से इस सिस्टम में लीकेज था। मकान का नक्शा पास करने में तीन अलग-अलग विभागों की भूमिका होती थी इसलिए मकान बनाने वाले लोगों को इन विभागों के चक्कर काटने पड़ते थे। लोगों को इसके लिए महीनों कई बार तो सालों चक्कर काटने पड़ते थे।
लगातार बढ़ती पेंडेंसी के कारण सरकार तक नक्शा पास कराने को लेकर हो रही परेशानी की शिकायतें पहुंच रही थी। जिसके बाद सीएम भूपेश बघेल ने तत्काल व्यवस्था सुधारने के निर्देश दिए हैं। जानकारी के मुताबिक नगरीय निकाय क्षेत्रों में हर साल लगभग 80 हजार नक्शे पास करवाने के आवेदन आते हैं इनमें से लगभग 30 से 35 हजार नक्शे ही पास किए जाते हैं। शेष किसी न किसी आपत्ति के कारण पेंडिंग रह जाते हैं। बताया गया है कि सरकारी अमले के वेस्टेज इंट्रेस्ट के कारण ही आपत्तियां लगाई जाती थी। सार्वाधिक आपत्तियां रायपुर नगर निगम में जहां दो-दो साल पुराने प्रकरण लंबित हैं। हालांकि पहले के मुकाबले नक्शे पास करने की प्रक्रिया में 20% की तेजी आई है।
3000 फीट से कम निर्माण में परमिशन जरूरी नहीं
नियमत: 3000 फीट से कम के निर्माण के लिए परमिशन की जरूरत नहीं होती लेकिन इसका पालन नहीं हो रहा था। लोगों को छोटे मकान के नक्शे पास करवाने के लिए भी महीनों चक्कर काटने पड़ते थे। क्योंकि नगर निवेश तथा नगर निगम का अमला मौके पर पहुंचकर आपत्तियां करता था लेकिन अब इन खामियों को दूर कर लिया जाएगा।
विभागों के चक्कर से मुक्ति
नक्शा पास करने के लिए तीन विभागों में आवेदन दिए जाते हैं। इनमें राजस्व विभाग, जमीन संबंधी वाद-विवाद का निपटारा करता है। इसके बाद टाउन एंड कंट्री प्लानिंग से एनओसी जारी की जाती है। इसके बाद संबंधित निकायों द्वारा नक्शा पास किया जाता है। अब इन तीनों विभागों के काम ऑनलाइन पोर्टल में एक साथ हो सकेंगे।